क्या आपके घर भी है Dog या Cat ? सावधान ! यूपी में आया नया नियम, भरना पड़ सकता है 5000 का जुर्माना, और..

उत्तरी प्रदेश में अब पालतू कुत्ते और बिल्लियाँ बिना लाइसेंस नहीं रखे जा सकेंगी। अलीगढ़ नगर निगम ने रविवार को एक मुहिम शुरू करते हुए घर-घर दौरा चालू किया है, जिसमें बिना लाइसेंस वाले पालतुओं पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा और लाइसेंस न होने पर पालतू जब्त भी किए जाएंगे।
क्या है नया नियम? पालतू कुत्ता-बिल्ली को रखना है लाइसेंस जरूरी
नए नियम के अनुसार, अब नगर निगम क्षेत्रों में पालतू डॉग या कैट रखने वालों को 200, 500 या 600 रुपये की राशि जमा करके वार्षिक लाइसेंस लेना होगा। बिना लाइसेंस पाए जाने पर मालिक को ₹5,000 का जुर्माना देना पड़ेगा और नगर निगम द्वारा उसका पशु जब्त भी कर लिया जाएगा। इसके साथ ही, कई अस्पतालों में जाकर लाइसेंस बनवाने की व्यवस्था शुरू की गई है।
कैसे चलाया जाएगा अभियान? डोर-टू-डोर निरीक्षण करेगा नगर निगम
नगर निगम ने घोषणा की है कि 15 दिनों तक कॉलोनी और अपार्टमेंट्स में डॉग–कैट के लाइसेंस की जांच की जाएगी। घर-घर कैंप लगाए जाएंगे और हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं — 7500441344, 18002747047, 0571-2750250 एवं 1533. लाइसेंस प्रक्रिया सुविधाजनक बनाने लिए पंजीकरण कैंप भी चलाए जाएंगे।
लाइसेंस के फायदे
नगर निगम के पशु कल्याण अधिकारी डॉ. राजेश वर्मा के अनुसार:
- लाइसेंस धारक को “वैधानिक स्वामी” माना जाएगा।
- कुत्तों–बिलियों के टीकाकरण की पुष्टि होगी, और गंदगी नियंत्रण संभव होगा।
- मालिक की जिम्मेदारी तय होगी और पशु की पहचान आसान होगी।
इसका उल्लंघन करने पर जुर्माना और जब्ती तक की कार्रवाई हो सकती है।
क्या कहता है कानून?
पीसीए कानून और ABC (Dogs) Rules, 2001, के मुताबिक, बिना लाइसेंस पशु पालना गैरकानूनी माना जाता है। नगर निगम इसे नगर प्रशासन अधिनियम के तहत भी अपराध घोषित करता है, जिससे जुर्माना, जब्ती या कानूनी कार्यवाही हो सकती है।
अन्य शहरों की पॉलिसी—नॉएडा और लखनऊ
नॉएडा: पालतू के लिए सालाना 500 रुपये लाइसेंस अनिवार्य; पब्लिक जगहों पर पट्टा/बारकोड संबंधी नियम, उल्लंघन पर भारी जुर्माना व गिरफ्तारी होती है।
लखनऊ: पहले ही लाइसेंसिंग सख्ती लागू की जा चुकी है; 2,246 कुत्तों में केवल इतनी ही पंजीकृत हैं, जबकि अनुमानित संख्या 10,000 से भी अधिक है ।
पशु प्रेमियों के लिए यह खबर मिलीजुली हो सकती है। जहां एक ओर यह कानून उनके पालतुओं की सुरक्षा व पहचान सुनिश्चित करता है, वहीं दूसरी ओर बगैर लाइसेंस रखने पर जुर्माना व कार्रवाई के चलते उन्हें सतर्क होना पड़ेगा।