मुंबई लोकल से गिरे 10-12 यात्री, 5 की दर्दनाक मौत.. लाशें देख सहम गए डॉक्टर, सरकार ने लिया बड़ा फैसला

मुंबई—कल सुबह लगभग साढ़े नौ बजे, थाणे जिले के मुंब्रा स्टेशन के पास पुष्पक एक्सप्रेस के एक डिब्बे से करीब 10–12 यात्री गिर गए, जिनमें कम से कम पांच यात्रियों की मौत हो गई। घटना ने मुंबई की भीड़-भाड़ वाली लोकल ट्रेन सेवाओं की सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया।
मिश्रित जानकारी: पुष्पक एक्सप्रेस या लोकल ट्रेन?
केंद्रीय रेलवे और मीडिया रिपोर्ट्स में शुरुआती खामियों के बावजूद, यह स्पष्ट हुआ है कि यह दुर्घटना एक लोकल ट्रेन — जो पुष्पक एक्सप्रेस के साथ डिवा–मुंब्रा सेक्शन पर चल रही थी — के भीड़-भाड़ और गेट खोले रहने जैसे कारणों की वजह से हुई थी।
भीड़-भाड़ में यात्रियों का दरख्तों के पास खड़े रहना
पुलिस और रेलवे प्रवक्ताओं के अनुसार, लोकल ट्रेन की भीड़ इतनी अधिक थी कि कई यात्री गेट पर लटके हुए बैठे थे। जब ट्रेन धीरे हुई या दो ट्रेनों के बीच से गुज़री, तो यात्रियों ने संतुलन खोया और track पर गिर गए। राष्ट्रीय सुरक्षा मानकों के अनुसार वे बच सकते थे, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।
ठांव पर पहुंची आपात टीमें, शव अस्पताल भेजे गए
डिवा-मुंब्रा क्षेत्र से ज़मीन पर गिरने के बाद यात्रियों को तुरंत क्लवा सरकारी अस्पताल लाया गया। चार की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक घायल को अस्पताल में भर्ती कराया गया जहाँ उसकी मृत्यु हो गई। मृतकों की उम्र लगभग 30–35 वर्ष बताई गई है। रेलवे अधिकारियों ने हादसे के कारणों की जांच शुरू कर दी है।
रेल सुरक्षा मानदंडों में प्रस्तावित बदलाव
इस घटना के तुरंत बाद, रेलवे बोर्ड ने घोषणा की है कि मुंबई की लोकल ट्रेन सेवाओं में स्थापित नई रैक (rakes) और निर्माणाधीन कोचों में ‘ऑटोमैटिक दरवाजे बंद होने’ का इंतजाम अनिवार्य होगा, और पहले से चल रहे कोचों में यह सुविधा जोड़ी जाएगी।
देखभाल और यात्री सुरक्षा की चुनौती
मुंबई जैसे महानगर में लोकल ट्रेनों में भीड़-भाड़ और यात्री लापरवाही से निपटने के लिए अधिकारियों ने यात्रियों से अनुरोध किया है कि वे समय पर स्टेशन पर पहुंचें, ट्रेन सवार होने से पहले पूरी सावधानी बरतें और कोच-गेट पर झुका न करें। सुरक्षा नियमों के उल्लंघन से दु:खद परिणाम हो सकते हैं।
जिम्मेदारी में सुधार जरूरी
मुंबई की लोकल ट्रेन प्रणाली में यात्रियों की सुरक्षा बनाए रखने के लिए यह हादसा एक चेतावनी है। रेलवे की जिम्मेदारी है कि वह तकनीकी सुधार और नियमित मॉनिटरिंग से ऐसी घटनाओं को रोके। साथ ही यात्रियों को भी अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी समझनी चाहिए।