जब आयशा खान से ये अंकल बोले – “तुम्हारे .. बहुत अच्छे..”, फिर उस लड़के ने जो किया.. खोला घिनौना राज

बिग बॉस 17 फेम एक्ट्रेस और इन्फ्लुएंसर आयशा खान ने एक वायरल पॉडकास्ट में खुलकर छेड़खानी से जुड़ी व्यक्तिगत घटनाएं साझा कीं। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि यह सिर्फ व्यक्तिगत अनुभव नहीं, बल्कि लाखों महिलाओं का जख्मी सच है। उनका यह खुला बयान महिला सुरक्षा की अहमियत को फिर से रेखांकित करता है।
मलाड, एक बुजुर्ग ‘अंकल’ की आपत्तिजनक टिप्पणी
आयशा खान ने बताया कि कुछ साल पहले जब वह मुंबई के मलाड इलाके में रह रही थीं, तब एक दिन वह सड़क पर पैदल चल रही थीं। तभी एक बुजुर्ग व्यक्ति स्कूटी पर आया और अचानक उन्हें रोककर बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी। आयशा के अनुसार, उस व्यक्ति ने उनके शारीरिक अंगों (स्तनों) पर अश्लील टिप्पणी करते हुए कहा—“तुम बहुत आकर्षक दिख रही हो, तुम्हारा शरीर बहुत अच्छा है।”
यह सुनकर आयशा स्तब्ध रह गईं। उन्हें कुछ पल तक समझ ही नहीं आया कि इस शर्मनाक हरकत पर कैसी प्रतिक्रिया दें। उन्होंने कहा कि ये घटना उन्हें मानसिक रूप से झकझोरने वाली थी और इसने उन्हें समाज की असली सोच से रूबरू करवाया।
इंस्टाग्राम फेम के बाद ऑटो और बाइक ड्राइवर्स का दुष्कर्म
आयशा ने दूसरी घटना का ज़िक्र किया जब वो इंस्टाग्राम पर लोकप्रिय थीं, और ऑटो में सफ़र कर रही थीं। तभी एक बाइक चालक उनके बगल में आया और उनके जांघ को छू गया — बिल्कुल अचानक और भयावह तरीके से। इस घटना ने उन्हें अंदर तक झकझोर दिया।
कितनी महिलाएं इस चुप्पी में जूझती हैं
आयशा ने बताया कि आम महिलाएं ऐसी घटनाओं को घर तक सिमटकर रख देती हैं — किसी से शिकायत नहीं करतीं। उनका कहना था:
“महिला सुरक्षा से बड़ा कोई मुद्दा नहीं होना चाहिए।”
इस बात ने सामाजिक मानदंडों और ‘छेड़खानी’ के खिलाफ मजबूत बयान की जरूरत पर प्रकाश डाला।
आयशा का आत्मबल और मजबूत आवाज़
उन्होंने कहा कि इन अनुभवों ने उन्हें अंदर तक कमजोर नहीं किया, बल्कि मजबूत बनाया। जलन, डर और असुरक्षा को शब्दों में व्यक्त कर उन्होंने यह संदेश दिया कि आवाज़ उठाने से ही बदलाव शुरू होगा।
कानून और समाज में सुधार जरूरी
आयशा खान का खुलासा ना सिर्फ व्यक्तिगत दर्द है, बल्कि एक सामाजिक ऐलान भी है। इसके माध्यम से यह साफ़ संदेश गया है:
हर महिला को ऐसा अनुभव साझा करने का अधिकार है।
समाज और कानून — दोनों को सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करना चाहिए।
कुछ समय पहले की छोटी घटनाएँ आज भी महिलाओं की रोज़मर्रा की ज़िन्दगी को प्रभावित करती हैं।
हर चुप्पी को तोड़ना है ज़रूरी
आयशा खान की बात हमें याद दिलाती है कि महिला सुरक्षा केवल मुद्दा नहीं, बल्कि ज़रूरत है। जब तक ऐसी घटनाओं को चुप्पी से स्वीकारेंगे, बदलाव नहीं आएगा। बीते वर्षों में बढ़ी सोशल मीडिया एक्टिविटी से महिलाओं में चेतना आई है — अब समय है कि कानून और सामाजिक समर्थन भी उसी गति से आगे बढ़ें।