जम्मू-कश्मीर की ऐतिहासिक मस्जिद में नमाज़ पर रोक, क्या हुआ जो इस मौलवी को करना पड़ा नज़रबंद ?

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने शनिवार को श्रीनगर के पुराने शहर की ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में ईद-उल-अजहा की नमाज अदा करने की अनुमति नहीं दी। इस निर्णय से स्थानीय लोगों में निराशा देखी गई। मस्जिद के मुख्य द्वार को बंद रखा गया और भारी सुरक्षाबल तैनात किए गए, जिससे लोगों को अंदर जाने से रोका गया।

मीरवाइज उमर फारूक को घर में नजरबंद किया गया

कश्मीर के मुख्य मौलवी और धार्मिक व राजनीतिक नेता मीरवाइज उमर फारूक को भी ईद से पहले उनके निवास पर नजरबंद कर दिया गया। मीरवाइज ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने उन्हें ईद की नमाज में शामिल होने से रोका और यह फैसला धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ है।

मीरवाइज ने जताया दुख, कहा- यह कश्मीर की हकीकत है

मौलवी उमर फारूक ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी प्रतिक्रिया दी और लिखा, “आज फिर एक बार मुझे जामिया मस्जिद में नमाज अदा करने की अनुमति नहीं दी गई। यह कश्मीर की हकीकत है जहां एक धार्मिक नेता को अपने लोगों से मिलने और धार्मिक कर्तव्य निभाने से रोका जा रहा है।”

लगातार जारी हैं पाबंदियां, पहले भी हो चुकी है रोक

यह पहला मौका नहीं है जब जामिया मस्जिद में सामूहिक नमाज पर रोक लगी हो। इससे पहले भी विभिन्न अवसरों पर प्रशासन ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए इसी तरह की रोक लगाई थी। 2024 की ईद पर भी लोगों को मस्जिद में नमाज अदा करने से रोका गया था।

प्रशासन की ओर से आधिकारिक बयान नहीं

इस घटनाक्रम पर प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। हालांकि, सूत्रों के अनुसार यह फैसला कानून-व्यवस्था और सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर लिया गया। लेकिन सरकार की चुप्पी ने जन भावनाओं को और आहत किया है।

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