जिस बेटे को बंदरों से बचाने के लिए फेंकी कुल्हाड़ी.. उसी की गर्दन पर लगी, ढाई साल के मासूम की मौत

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के कटघर थाना क्षेत्र के देवापुर गांव से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। मंगलवार सुबह बंदरों से अपने बेटे को बचाने की कोशिश कर रहे पिता की कुल्हाड़ी से उसके ही ढाई साल के बेटे आरव की दर्दनाक मौत हो गई। परिवार पर जैसे दुखों का पहाड़ टूट पड़ा हो, वहीं घटना के पीछे कई विरोधाभासी कहानियां भी सामने आ रही हैं।

क्या हुआ था उस दिन: कुल्हाड़ी से बेटे की गर्दन पर लगा वार

देवापुर निवासी लाखन सैनी ई-रिक्शा चालक हैं। मंगलवार को उनका बेटा आरव आंगन में खेल रहा था, तभी बंदरों का झुंड घर में आ गया। लाखन को डर था कि बंदर बच्चे पर हमला कर सकते हैं, इसलिए वह कुल्हाड़ी लेकर छत पर गया और बंदरों को भगाने के लिए कुल्हाड़ी फेंकी। दुर्भाग्यवश, वह कुल्हाड़ी आंगन में मौजूद आरव की गर्दन पर जाकर लगी। गहरा घाव लगने के कारण आरव की मौके पर ही हालत बिगड़ गई और उसे अस्पताल ले जाने के दौरान रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।

परिजनों ने शव किया दफन, पुलिस को नहीं दी सूचना

घटना के बाद घरवालों ने बिना पुलिस को सूचना दिए शव को दफना दिया। यह कदम पुलिस और ग्रामीणों के बीच सवाल खड़े कर रहा है। वाशरूम की दीवारों पर खून के छींटे और आंगन में फैले खून के निशान इस भयानक हादसे की पुष्टि करते हैं।

विरोधाभासी बयान: हादसा या हत्या?

जहां एक ओर परिवार वालों का दावा है कि यह एक महज हादसा था, वहीं दूसरी ओर बच्चे के मौसा जितेंद्र सिंह ने हत्या का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि लाखन और उसकी पत्नी अनीता के बीच अक्सर झगड़े होते थे। सोमवार रात भी दोनों के बीच विवाद हुआ था। मंगलवार सुबह जब विवाद दोबारा हुआ तो लाखन ने दादा की गोद से बच्चे को छीनकर जानबूझकर कुल्हाड़ी से वार किया।

पंचायत सदस्य ने दी अलग कहानी

गांव के जिला पंचायत सदस्य जगत सिंह सैनी ने पूरी घटना को अलग नजरिए से बताया। उन्होंने दावा किया कि छत से सरिया (लोहे की रॉड) गिरी थी, जो बंदरों की वजह से नीचे गिरी और बच्चे की गर्दन में जा लगी, जिससे उसकी मौत हो गई। इससे पूरे मामले में और भी रहस्य गहरा गया है।

पुलिस की प्रारंभिक जांच: हादसे की पुष्टि

कटघर थाने के इंस्पेक्टर ने फिलहाल इसे हादसा माना है। उनके मुताबिक, बंदरों को भगाने के लिए लाखन ने कुल्हाड़ी फेंकी थी, जो बच्चे को जा लगी। लोहे का हिस्सा आरव की गर्दन में घुस गया, जिससे वह लहूलुहान हो गया। उसे निजी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।

पारिवारिक हिंसा का पुराना इतिहास

मृतक के मौसा ने यह भी आरोप लगाया कि लाखन पहले भी कई बार अपनी पत्नी को मारता-पीटता रहा है। शिकायत करने पर ससुराल पक्ष यह कहकर बात टाल देते थे कि लाखन मानसिक रूप से अस्वस्थ है।

हादसा या सोची-समझी साजिश?

अब सवाल उठता है — क्या यह वाकई एक हादसा था या घरेलू हिंसा की परिणति? मामले की सच्चाई का पता अब पुलिस जांच के बाद ही चलेगा। लेकिन इतना तय है कि मासूम आरव की असामयिक और दर्दनाक मौत ने पूरे गांव को हिला कर रख दिया है।

 

Related Articles

Back to top button