ढाई सेकंड की कॉल रिकार्डिंग ने दिलाई उम्रकैद.. ‘रामू मुझे मत मार…’, खौफनाक वारदात में आया फैसला

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में हुए चर्चित अतुल उर्फ बादल हत्याकांड में अदालत ने सोमवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया। आरोपी रामू को उम्रकैद की सजा और ₹25,000 का जुर्माना सुनाया गया। इस सजा का सबसे अहम आधार बनी महज ढाई सेकंड की एक कॉल रिकॉर्डिंग, जिसमें मरने से ठीक पहले अतुल की आवाज दर्ज है—”रामू, मुझे मत मार।”

पैसों के लेन-देन से उपजा विवाद

घटना 10 मार्च 2023 की है। वादी रामपाल ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके बेटे अतुल उर्फ बादल, जो भगवान नगर में कैफे चलाते थे, ने वैदिक विहार निवासी रामू को प्रिंटर और स्कैनर दिलाने के लिए ₹1.70 लाख रुपये दिए थे। लेकिन रामू ने न तो सामान दिलाया और न ही पैसे लौटाए। जब अतुल ने पैसे वापस मांगे, तो रामू टाल-मटोल करने लगा।

धोखे से बुलाकर की गई थी हत्या

घटना वाले दिन रामू ने अतुल को पैसे लौटाने के बहाने आगरा रोड स्थित बाबा नीम करौली धाम के पीछे बुलाया। वहीं पर उसने पहले ईंट से पीछे से सिर पर वार किया, फिर कांच से गले पर हमला कर दिया। गंभीर रूप से घायल अतुल को मृत समझकर रामू मौके से भाग गया। अतुल को क्वार्सी के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया, जहां 15 मार्च को उसकी मृत्यु हो गई।

ढाई सेकंड की कॉल रिकॉर्डिंग बनी अहम साक्ष्य

हत्या के वक्त अतुल अपनी मंगेतर से फोन पर बात कर रहा था और फोन ऑटो कॉल रिकॉर्डिंग मोड में था। जैसे ही रामू ने ईंट से हमला किया, अतुल की अंतिम आवाज रिकॉर्ड हो गई-“रामू, मुझे मत मार।” यह रिकॉर्डिंग कोर्ट में सबसे ठोस सबूत साबित हुई। यह कॉल उस समय की है जब हमला हुआ और कॉल कट गई।

गवाह और फॉरेंसिक सबूतों की मजबूती

मामले में कुल 8 गवाह और 26 साक्ष्य पेश किए गए, जिनमें मुकदमा लेखक सिपाही, अतुल का पिता, भाई, पड़ोसी, दो चिकित्सक और दो विवेचक शामिल रहे। घटनास्थल से मिला मोबाइल फोन, जिसमें कॉल रिकॉर्डिंग दर्ज थी, कोर्ट में प्रस्तुत किया गया। सभी गवाहियों और सबूतों के आधार पर अदालत ने आरोपी को दोषी करार दिया।

आरोपी की पुलिस के सामने स्वीकारोक्ति

पुलिस पूछताछ में आरोपी रामू ने कबूला कि जब उसने ईंट से हमला किया था, तब अतुल मोबाइल में लीड लगाकर कॉल कर रहा था। यही वह कॉल थी जो रिकॉर्ड हो गई और जिसने रामू के झूठ का पर्दाफाश कर दिया।

न्याय की मजबूत मिसाल

एडीजे तृतीय राकेश वाशिष्ठ की अदालत ने यह ऐतिहासिक निर्णय दिया। अदालत ने कहा कि तकनीकी साक्ष्य के युग में यह कॉल रिकॉर्डिंग हत्या की सत्यता और आरोपी की पहचान का सबसे प्रामाणिक प्रमाण है। इसे आधार मानते हुए आरोपी रामू को उम्रकैद और ₹25,000 के आर्थिक दंड से दंडित किया गया।

मंगेतर से होने वाली थी अतुल की शादी

हत्या के बाद जब अतुल का शव सड़क पर रखकर प्रदर्शन हुआ था, तब उसकी मंगेतर भी मौके पर पहुंची थीं। यहीं यह भी पता चला कि अतुल की जल्दी ही शादी होने वाली थी। यह मामला न केवल एक आपराधिक कृत्य का, बल्कि एक टूटे हुए सपने और परिवार के बिखरते भविष्य का भी प्रतीक बन गया।

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