कुत्ते के काटने से पति की मौत.. पत्नी ने नगर पालिका पर ठोक दिया केस, 9 साल बाद आया चौंकाने वाला फैसला

उत्तर प्रदेश के शामली जिले में एक महिला ने अपने पति की मौत के लिए नगर पालिका की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराते हुए उपभोक्ता फोरम में केस दर्ज कराया। लगभग नौ साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद, फोरम ने नगर पालिका के कार्यकारी अधिकारी (ईओ) को ₹3.10 लाख का जुर्माना भरने का आदेश दिया है। इसमें ₹2 लाख मानसिक क्षति के लिए, ₹10,000 वाद खर्च के लिए और ₹1 लाख राजकीय कोष में जमा करने के निर्देश शामिल हैं।
घटना का विवरण: कुत्ते के काटने से हुई मौत
दरअसल, 27 जनवरी 2016 को कांधला कस्बे में बड़ी नहर पुल के पास प्रमोद कुमार को एक पागल कुत्ते ने काट लिया। उन्हें सरकारी अस्पताल में एंटी रैबीज इंजेक्शन लगाए गए, लेकिन हालत बिगड़ने पर उन्हें दिल्ली के एमवीआईडी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 19 फरवरी 2016 को उनकी मौत हो गई। डॉक्टरों ने रैबीज को मौत का कारण बताया।
नगर पालिका की जिम्मेदारी और लापरवाही
राजबीरी ने उपभोक्ता फोरम में दायर याचिका में कहा कि नगर पालिका की जिम्मेदारी है कि वह आवारा कुत्तों और अन्य हिंसक पशुओं पर नियंत्रण रखे। उन्होंने आरोप लगाया कि ईओ की लापरवाही के कारण उनके पति की जान गई। राजबीरी ने ₹19.95 लाख की क्षतिपूर्ति की मांग की थी।
फोरम का निर्णय: अन्य अधिकारियों को दी राहत
फोरम ने सीएमओ शामली, सीएचसी प्रभारी कांधला और जिलाधिकारी शामली के खिलाफ वाद को निरस्त कर दिया, लेकिन नगर पालिका को दोषी ठहराया। फोरम ने माना कि नगर पालिका की लापरवाही के कारण यह घटना हुई।
व्यापक प्रभाव: पशु नियंत्रण पर सवाल
यह मामला न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि स्थानीय निकायों की लापरवाही आम जनता के जीवन पर कितना गंभीर प्रभाव डाल सकती है। यह घटना पशु नियंत्रण और सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता को उजागर करती है।