डायरी में 14 नाम और फिर 14 कत्ल.. हिन्दुतान के सबसे खूंखार सीरियल किलर की कहानी, राजा कोलंदर को उम्रकैद !

भारत के सबसे खौफनाक सीरियल किलर्स में शुमार राम निरंजन कोल उर्फ राजा कोलंदर एक बार फिर सुर्खियों में है। लखनऊ की एडीजे अदालत ने रायबरेली निवासी मनोज कुमार सिंह की हत्या के 25 साल पुराने मामले में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह वही कोलंदर है, जिसने 14 से ज्यादा नृशंस हत्याएं करने की बात स्वीकार की थी, जिनमें से कई मामलों में उसके नरभक्षी होने के प्रमाण भी मिले थे।

अदालत का फैसला: उम्रकैद और लाखों का जुर्माना

एडीजे रोहित सिंह की अदालत ने राजा कोलंदर और उसके साले बच्छराज को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई।

  • हत्या के लिए: आजीवन कारावास + ₹1 लाख जुर्माना
  • सबूत छिपाने पर: 7 साल कैद + ₹50,000 जुर्माना
  • अपहरण पर: 10 साल कैद + ₹50,000 जुर्माना
  • डकैती की संपत्ति रखने पर: 10 साल कैद + ₹50,000 जुर्माना

सभी सजाएं साथ चलेंगी, लेकिन दोषियों को अंतिम सांस तक जेल में रहना होगा।

25 साल पुराना केस: मनोज सिंह और ड्राइवर की हत्या

वर्ष 2000 में रायबरेली निवासी मनोज सिंह (22) और उनके ड्राइवर रवि श्रीवास्तव का अपहरण कर नृशंस हत्या कर दी गई थी। चार दिन पहले ही अदालत ने इस मामले में कोलंदर और बच्छराज को दोषी माना था। यह मामला कोर्ट में वर्षों तक चला और आज न्याय की गूंज सुनाई दी।

डायरी ने खोला सीरियल किलिंग का राज

पत्रकार धीरेंद्र सिंह की हत्या की जांच के दौरान पुलिस ने राजा कोलंदर के घर से एक डायरी बरामद की, जिसमें 14 लोगों की हत्याओं का जिक्र था। कोलंदर ने इन हत्याओं को बाकायदा नंबरिंग के साथ डायरी में लिखा था। पुलिस को उसके फार्महाउस से कई नरमुंड (कटे हुए सिर) भी मिले थे।

पत्रकार हत्या: एक से खौफनाक कहानी की शुरुआत

14 दिसंबर 2000 को प्रयागराज निवासी पत्रकार धीरेंद्र सिंह का शव क्षत-विक्षत अवस्था में मिला। कोलंदर ने उन्हें फार्म हाउस बुलाकर बेरहमी से मारा और फिर उनके सिर और धड़ को अलग-अलग स्थानों पर फेंक दिया। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि धीरेंद्र उसके शिकारों में 14वें नंबर पर था।

नरभक्षी मानसिकता: दिमाग उबालकर सूप बनाया

राजा कोलंदर की मानसिक विकृति का सबसे खौफनाक पहलू तब सामने आया जब उसने बताया कि उसने एक व्यक्ति की खोपड़ी भूनकर खाई और दिमाग उबालकर सूप बनाया। उसकी मान्यता थी कि कायस्थ जाति का दिमाग तेज होता है, इसलिए वह उसका दिमाग खुद में समाहित करना चाहता था।

सनकी सोच: बेटों के नाम अदालत और जमानत

कोलंदर खुद को ‘राजा’ समझता था और उसने अपने बेटों के नाम ‘अदालत’ और ‘जमानत’ रखे। पत्नी का नाम फूलन देवी रखकर उसने अपराध की दुनिया में आतंक फैलाने की कोशिश की। उसका फार्म हाउस ‘न्यायालय’ जैसा था, जहां जिसे वह दोषी मानता, उसकी सजा मौत होती।

नेटफ्लिक्स पर कहानी: ‘इंडियन प्रीडेटर’ में छाया आतंक

राजा कोलंदर की खौफनाक दास्तान पर नेटफ्लिक्स डॉक्यूमेंट्री “Indian Predator: The Diary of a Serial Killer” बनाई गई, जिसने इस अपराधी की कहानी को दुनिया के सामने लाकर खड़ा कर दिया।

परिवार अनजान, घर में सन्नाटा

लखनऊ से सजा सुनाए जाने के बावजूद कोलंदर के नैनी स्थित घर में परिवार को कोई जानकारी नहीं थी। जब मीडिया ने उसकी सास से बात की तो उन्होंने कहा, “वह तो जेल में है, अब और क्या सजा होगी।” बेटों अदालत और जमानत के बाहर रहने की जानकारी दी गई।

कानून का शिकंजा और समाज का सुकून

राजा कोलंदर जैसे अपराधियों को न्यायालय द्वारा दी गई सजा न केवल न्याय की स्थापना है, बल्कि समाज में यह संदेश भी है कि कानून से बड़ा कोई नहीं। एक लंबे समय के बाद, न्याय की यह गूंज पीड़ित परिवारों को कुछ राहत जरूर देगी।

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