दिल्ली-NCR में अगले आदेश तक स्कूल-कॉलेज बंद, इस पर लगा बैन
नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में प्रदूषण की बढ़ती मार का असर स्कूलों और कॉलेजों पर पड़ा है. कोविड की दूसरी लहर के चलते महीनों बाद इसी नवंबर में खुले स्कूल और कॉलेज एक बार फिर ऑनलाइन शिफ्ट हो गए हैं. केंद्र सरकार के एक पैनल ने कहा है कि दिल्ली-एनसीआर के सभी स्कूल बंद रहेंगे. मंगलवार देर रात जारी आदेश में कहा गया कि बुधवार से क्लास ऑनलाइन चलेगी. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने दिल्ली औरआसपास के इलाकों में प्रदूषण की स्थिति कों नियंत्रित करने के निर्देश जारी किए.
CAQM ने कहा है कि कम से कम 50 फीसदी अधिकारियों को 21 नवंबर तक वर्क फ्रॉम होम की अनुमति मिलनी चाहिए. इसके साथ ही निजी दफ्तरों में भी इस तरह के इंतजाम किए जाएं. आयोग ने कहा है कि 21 नंवबर तक दिल्ली में सभी ट्रकों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है. यह पाबंदी गैर जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति कर रहे ट्रकों पर ही लागू होगी. इसके साथ मेट्रो, रक्षा, एयरपोर्ट, को छोड़कर हर तरह के निर्माण कार्य पर 21 नवंबर तक रोक होगी.
दिल्ली का AQI फिर खराब
बता दें मंगलवार को दिल्ली की वायु गुणवत्ता एक बार फिर से ’गंभीर’ श्रेणी में चली गई है और 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 403 दर्ज किया गया. यह मंगलवार सुबह तक ‘बहुत खराब’ श्रेणी में था और 396 दर्ज किया गया था. शाम चार बजे गाज़ियाबाद में एक्यूआई 356, ग्रेटर नोएडा में 361, गुरुग्राम में 369 और नोएडा में 397 दर्ज किया गया. यह ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है.
पृथ्वी विज्ञान मंत्राय के वायु गुणवत्ता निगरानी ‘सफर’ के मुताबिक, एक्यूआई बुधवार को भी ‘गंभीर’ श्रेणी में ही रहेगा.उसने कहा कि हवा की गति बहुत कम रहने की संभावना है जिससे एक्यूआई कल ‘गंभीर’ श्रेणी में रहेगा और इसके बाद 18 नवंबर तक ‘गंभीर’ या ‘बहुत खराब’ श्रेणी के बीच रहेगा.
उसने बताया कि अगले दो दिनों तक दिल्ली में पराली जलाने से जुड़े प्रदूषकों की आने की संभावना नहीं है, क्योंकि हवा की दिशा विपरीत है. पराली जलाने की संख्या कम होकर 1820 रह गई है जबकि दिल्ली के पीएम2.5 में इसकी हिस्सेदारी मंगलवार को आठ फीसदी थी. दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में रविवार को थोड़ा सा सुधार देखा गया था और एक्यूआई ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया था.
एक्यूआई को शून्य और 50 के बीच ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 और 500 के बीच ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है.
इससे पहले शहर के प्रदूषण संकट से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने सोमवार से विद्यालयों को एक सप्ताह के लिए बंद करने, निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने और सरकारी कर्मचारियों के लिए घरों से ही काम करने की नीति सहित कई आपातकालीन उपायों की घोषणा की थी.
साथ ही सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली के अधिकारियों ने मंगलवार को एक बैठक की जिसमें प्रदूषण की रोकथाम के तरीकों पर चर्चा की गई.
गाजियाबाद में लगाया जा रहा है जुर्माना
वहीं उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में प्रदूषण स्तर को कम करने के लिए क्रमिक प्रतिक्रिया कार्रवाई योजना (जीआरएपी) उपायों के तहत जुर्माना लगाया जा रहा है. जिला सूचना अधिकारी राकेश चौहान ने कहा कि जिला प्रशासन राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और उसके आस-पास के इलाकों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा गठित एक समिति के आदेशों का पालन कर रहा है.
अधिकारी ने बताया कि जिला अधिकारी आरके सिंह ने अब तक 1.03 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. गाजियाबाद नगर निगम समेत शॉपिंग मॉल और अस्पताल जैसे 17 प्रदूषण फैला रहे प्रतिष्ठानों पर जुर्माना लगाया गया.