जिन कोरोना मरीजों को गुजरात के नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगे, उनमें से 90% ठीक

भोपाल. ‘इंदौर और जबलपुर में जिन कोरोना मरीजों को गुजरात से आए नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाए गए, उनमें से 90 फीसदी मरीजों का लंग्स इंफेक्शन ठीक हो गया.’ जी हां, पुलिस ने खुद ये चौंकाने वाला खुलासा किया है. पुलिस का कहना है कि इस मामले में प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग को गंभीरता से सोचना चाहिए.

खबर के मुताबिक, एक पुलिस अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि इंदौर में जिन लोगों को नकली रेमडेसिविर दिए गए, उनमें से दस की मौत हो गई. जबकि, 100 से ज्यादा लोग ठीक हो गए. बावजूद इसके कि इंजेक्शन में केवल ग्लूकोज और नमक था. हालांकि, जिन लोगों की मौत हो गई उनके शरीर की जांच नहीं हो सकती, क्योंकि सभी का अंतिम संस्कार हो चुका है.

दो दिन पहले ही कांग्रेसी नेता हुआ गिरफ्तार
इंदौर की विजय नगर दो दिन पहले ही 4 आरोपियों को पकड़ा था. एक आरोपी को भोपाल से, एक आरोपी को सांवेर से जबकि 2 अन्य आरोपियों को शहर से गिरफ्तार किया था. अब तक इस मामले पुलिस एक दर्जन से अधिक आरोपियों को हिरासत में ले चुकी है. पुलिस जल्द ही कालाबाजारी के मुख्य आरोपियों सुनील मिश्रा, पुनीत शाह और कौशल वोरा को गुजरात से इंदौर ले आएगी.
पुलिस ने भोपाल से आरोपी प्रशांत पाराशर को गिरफ्तार किया है. ये पेशे से इंजीनियर है और सब इंस्पेक्टर की तैयारी कर रहा था. इसने 100 इंजेक्शन मुख्य आरोपी सुनील मिश्रा से खरीदे थे और इंदौर जिले से बाहर बेचे. जानकारी मिली है कि प्रशांत पाराशर कांग्रेस से सक्रिय तौर पर जुड़ा है और संक्रमण के वक़्त में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए राजनैतिक दल से दायित्व भी दिए गए थे.

इस तरह मिले हुए हैं आरोपी

वहीं, सांवेर से पकड़ाया आरोपी सरवर खान झोलाछाप डॉक्टर है. उसने दवा बाजार के मेडिकल संचालक गौरव केसवानी से नकली इंजेक्शन खरीदा था. पुलिस ने मेडिकल संचालक गौरव को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने एक अन्य आरोपी गोविंद गुप्ता के शामिल होने की बात पुलिस को बताई. पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया. गोविंद मेडिकल दुकान का कर्मचारी है.

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