कोयला खनन के​ खिलाफ झारखंड के 84 गांव लामबंद…

दुमका. केंद्र सरकार द्वारा कोल इंडिया लिमिटेड की मातहत कंपनी ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड को खनन के लिए ज़मीनें आवंटित करने के बाद से ग्रामीण इसका विरोध कर रहे हैं. अब विरोध तेज़ हो चुका है और 84 राजस्व गांवों के लोग लामबंद हो चुके हैं. जिस दिन झारखंड में विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर कई आयोजन किए गए और आदिवासियों के हित की बातें भी, तब करीब 200 आदिवासी दुमका ज़िले में इकट्ठे हुए और उन्होंने ज़मीन व कोयला खनन के लिए अपने ‘पुरखों’ की ज़मीन का एक इंच भी न देने की कसम खाई.

दुमका ज़िले के शिकारीपाड़ा ब्लॉक में स्थित पाकुलपाड़ा और सीमानीजोड़ गांवों में लोगों ने बीते सोमवार को एक साथ कसम खाकर साफ तौर पर कहा कि वो अपनी ज़मीनें नहीं छोड़ेंगे. शिकारीपाड़ा के एक ग्रामीण मार्सिला मुर्मु के हवाले से एक रिपोर्ट में लिखा गया, ‘अपने गांवों में भूमि अधिग्रहण को रोकने के लिए हम किसी भी हद तक जाएंगे. ज़मीन के लिए हम अपनी जान देने या ज़रूरत पड़ने पर जान लेने से भी पीछे नहीं हटेंगे.’

शिकारीपाड़ा के विधायक और झामुमो के वरिष्ठ नेता नलिन सोरेन ने ग्रामीणों के इस मुद्दे पर समर्थन दे दिया है. सोरेन ने कहा, ‘हम 1 लाख ऐसे ग्रामीणों के साथ खड़े हैं, जिनसे उनकी ज़मीनें छीनने की कोशिश हो रही है. 84 गांवों के लोगों को नोटिस भेजे गए हैं. केंद्र सरकार को पहले ही स्थानीय लोगों को विश्वास में लेना चाहिए था. सरकार लोगों की कृषि भूमि छोड़ने पर ज़बरदस्ती मजबूर नहीं कर सकती.’

सोरेन जैसी ही बात करते हुए स्थानीय ज़िला परिषद के प्रमुख जॉयस बेसरा ने ग्रामीणों की मांग का समर्थन करते हुए कहा, ‘जिन लोगों को ज़मीनें आवंटित हुईं, उन्हें इन ग्रामीणों के पुनर्वास के लिए उचित मुआवज़े और सही व्यवस्थाएं करनी चाहिए थीं.’ टेलिग्राफ ने इस बारे में जो रिपेार्ट दी है, उसके मुताबिक दुमका के अतिरिक्त कलेक्टर राजेश कुमार राय ने भी कहा है, ‘किसी भी स्थिति में ग्रामीणों की मर्ज़ी के बगैर उनकी ज़मीन अधिग्रहित नहीं की जा सकेगी.’

गौरतलब है कि झारखंड में 25 से ज़्यादा कोलब्लॉक्स नीलामी के विभिन्न चरणों में हैं, जिनकी प्रक्रिया केंद्र ने 2020 में शुरू कर दी थी. पिछले साल झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी इस नीति की आलोचना करते हुए कहा था कि केंद्र को इस तरह की कवायद से पहले राज्य सरकार के साथ बातचीत करके विश्वास हासिल करना चाहिए था.

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