कश्मीर में आतंकियों के मददगार होने के शक में 700 से ज्यादा लोग हिरासत में,

आम लोगों की हत्याओं के बाद सख्ती: एक हत्या में शामिल 4 संदिग्ध अरेस्ट

जम्मू-कश्मीर में आम लोगों पर हमलों के बाद हरकत में आए सुरक्षाबलों ने 700 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है। इन्हें आतंकियों का मददगार बताया जा रहा है। न्यूज एजेंसी AFP ने यह दावा किया है। पिछले एक हफ्ते में घाटी में आतंकियों ने कश्मीरी पंडित, हिन्दू और सिख समुदाय के लोगों के साथ स्थानीय नागरिकों को भी निशाना बनाया है। उन्होंने 7 लोगों की हत्या कर दी।

न्यूज एजेंसी के मुताबिक, एक पुलिस अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया है कि हिरासत में लिए गए 700 लोगों के प्रतिबंधित धार्मिक और आतंकी समूहों से लिंक हैं। उन्होंने कहा कि आम लोगों के हत्यारों को खोजने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। इस मसले पर भास्कर ने जम्मू-कश्मीर के IG विजय कुमार से बात की, लेकिन उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।

TRF के हेंडलर के कहने पर हत्या की थी
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सिविलियन की हत्या के मामले में 4 लोगों को रविवार रात गिरफ्तार किया है। 5 अक्टूबर को बांदीपोरा इलाके के शाहगुंड इलाके में रहने वाले मोहम्मद शफी नाम के व्यक्ति की हत्या की गई थी। पुलिस के मुताबिक वारदात को लश्कर ए तैयबा के TRF ग्रुप के हेंडलर लाला उमर के कहने पर अंजाम दिया गया था। इसके अलावा भी कई आरोपियों की तलाश की जा रही है।

कश्मीर में कश्मीरी पंडितों और सिखों पर हमले के बाद आम लोगों में गुस्सा है। आतंकी हमलों के विरोध में यहां रोज जुलूस निकाले जा रहे हैं।

युवाओं को भड़काने के आरोप में मैगजीन के ठिकानों पर रेड
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने रविवार को जम्मू-कश्मीर में 16 जगहों पर छापेमारी की। ये छापे श्रीनगर, अनंतनाग, कुलगाम और बारामूला में मारे गए। यह कार्रवाई वॉइस ऑफ हिंद मैगजीन के पब्लिकेशन और IED की बरामदगी मामले में की गई है। मैगजीन पर युवाओं को भड़काने वाला कंटेंट पब्लिश करने का आरोप है। यह मैगजीन फरवरी, 2020 से हर महीने ऑनलाइन पब्लिश हो रही है।

हाल में कश्मीर में हुए आतंकी हमले

जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में आतंकियों ने ईदगाह इलाके में एक स्कूल में घुसकर दो टीचर्स की हत्या कर दी थी। इनमें प्रिंसिपल सुपिंदर कौर और शिक्षक दीपक चांद शामिल थे। सुपिंदर सिख समुदाय से और दीपक चांद कश्मीरी पंडित थे। दोनों श्रीनगर के अलोचीबाग के रहने वाले थे। आतंकियों ने दोनों के आईडी कार्ड चेक करने के बाद उन्हें गोली मारी थी।श्रीनगर के इकबाल पार्क क्षेत्र में प्रसिद्ध फार्मासिस्ट माखनलाल बिंद्रू को आतंकियों ने उनके मेडिकल स्टोर में घुसकर गोली मार दी थी। 68 साल के बिंद्रू उन चुनिंदा लोगों में थे, जिन्होंने 90 के दशक में भी कश्मीर नहीं छोड़ा था। आतंकियों ने बाहरी लोगों को धमकी दी कि वे कश्मीर आकर स्थानीय लोगों के रोजगार न छीनें।बिंद्रू पर हमले के एक घंटे बाद अवंतीपोरा के हवला इलाके में आतंकियों ने बिहार के वीरेंद्र पासवान को मार डाला था। वीरेंद्र भेलपूरी और गोलगप्पे का ठेला लगाते थे। वे भागलपुर के रहने वाले थे। इसके कुछ मिनट बाद बांदीपोरा के मो. शफी लोन की गोली मारकर हत्या कर दी गई।श्रीनगर के नाटीपोरा इलाके में आतंकियों ने शुक्रवार रात पुलिस टीम पर हमला कर दिया था। जवाबी कार्रवाई में लश्कर का एक आतंकी मारा गया। दूसरा भागने में कामयाब रहा। मारा गया आतंकी ट्रेंज शोपियां का रहने वाला आकिब बशीर कुमार था। वह प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा था।

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