12 साल की लड़की से 40 वर्षीय शख्‍स की हो रही थी शादी, फिर जो हुआ

मिर्जापुर. उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले (Mirzapur District) में एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है. यहां के लालगंज थाना क्षेत्र स्थित आदिवासी बिजरी गांव (Bijri Village) में 8वीं क्लास में पढ़ने वाली नाबालिग लड़की की शादी (Child Marriage) 40 वर्षीय अधेड़ से की जा रही थी. मामले की जानकारी मिलने पर जिला प्रोबेशन अधिकारी दलबल के साथ गांव में पहुंच गईं. पूछताछ के बाद इस बाल विवाह को रुकवा दिया गया. साथ ही पुलिस बुलाकर कई लोगों को गिरफ्तार कराया गया है. मामले का खुलासा करने वाली प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि सीतापुर जनपद के सुदूर इलाके से मिर्जापुर के बिजरी ग्राम में बारात आई थी. यहां 12 वर्षीय आदिवासी लड़की का विवाह 40 वर्षीय भानु शुक्ला से किया जा रहा था. उन्होंने यह भी कहा कि शादी के बदले लड़की के परिजनों को एक लाख रुपए दिए गए थे.

जिला प्रोबेशन अधिकारी शक्ति त्रिपाठी का कहना है कि यह न केवल बाल विवाह का मामला है, बल्कि विवाह के आड़ में मानव तस्करी का भी मामला लग रहा है. विवाह के लिए आए लड़के के साथ उसके केवल कुछ साथी ही थे, जो गैंग के सदस्य लग रहे हैं. जिसे बरात बताया जा रहा है, उसमें एक भी महिला या अन्य कोई दूसरा ऐसा नहीं लगा जो वास्तव में बराती हो. गिरफ्तार लोगों के विरुद्ध कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा गया है.

शक्ति त्रिपाठी ने बताया कि किसी ने फोन से बताया कि गांव में बाल विवाह हो रहा है. इसके बाद त्वरित कार्रवाई की गई. मौके पर पहुंचे तो वहां पर हमने पाया कि लड़की की उम्र 12 से 13 साल के बीच है, जिसको पता भी नहीं है कि उसकी शादी कहां हो रही है. वहीं, शादी करने वाले लड़का के पक्ष से 10 लोग आए थे. लड़के की उम्र 38 से 40 वर्ष है. यह पूरी तरह से बाल विवाह है. इसमें एक पक्ष यह भी आ रहा है कि बाल विवाह की आड़ में मानव तस्करी है, क्योंकि गांव वालों का कहना है कि लड़की वाले कोल जाति के हैं और लड़के वाले शुक्ला हैं. लड़के का नाम भानु शुक्ला है. शक्ति त्रिपाठी ने कहा कि गांव वालों ने बताया कि एक लाख रुपए में लड़की की खरीद-फरोख्त हो रही है, जिसको रोकने के लिए हम लोगों ने यह कदम उठाया है. उन्होंने कहा कि अभी जो आरोपी पकड़े गए हैं उनको जेल में डाल दिया गया है और सख्त से सख्त कड़ी कार्रवाई की जा रही है.

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