राजस्थान पुलिस के 4 सिपाहियों ने जीजा-साले से लूटा, अब नौकरी से बर्खास्त

अलवर. राजस्‍थान के अलवर जिले के गोविंदगढ़ थाना इलाके में पुलिसकर्मियों (Policemen) ने ही जीजा-साले को लूट लिया. लूट की वारदात को अंजाम देने और बाद में मामले को दबाने वाले 4 पुलिसकर्मियों को सरकारी सेवा से बर्खास्त (Dismissed) कर दिया गया है. पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी गौतम ने चारों की बर्खास्तगी के आदेश जारी कर दिए हैं. लूटपाट में शामिल इन चारों पुलिसकर्मियों को पहले निलंबित किया गया था. बाद में गिरफ्तार किए जाने पर उनको बर्खास्त कर दिया गया है. इनमें एनईबी थाने में तैनात कांस्टेबल अनीश तथा गंगाराम और शिवाजी पार्क थाने का कांस्टेबल नरेंद्र लूट के मुख्य आरोपी थे, जबकि कांस्टेबल रामजीत गुर्जर ने पीड़ित पक्ष को धमका कर राजीनामा के लिए दबाव बनाया था.

पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी गौतम ने बताया कि इस मामले में 3 पुलिसकर्मी लूट में शामिल थे, जबकि एक पुलिसकर्मी ने समझौता करने के लिए पीड़ित पर दबाव बनाया था. 12 अगस्त को इस घटना का खुलासा हुआ था. भरतपुर जिले के नगर पुलिस थाना क्षेत्र के छीतरेड़ी गांव निवासी साहिल ने थाने में 29 जुलाई को रिपोर्ट दर्ज कराई थी. उन्‍होंने पुलिस में दी शिकायत में बतया कि वह साले सालिद के साथ बाइक से अपने गांव से गोविंदगढ़ आ रहा था. इसी दौरान भैंसड़ावत मोड़ के पास पीछे से एक बोलेरो गाड़ी आई. उसमें चार व्यक्ति बैठे थे.

साहिल ने बताया कि बोलोरो चालक ने अपनी गाड़ी बाइक के आगे लगा दी. बाद में जबर्दस्ती बोलेरो में बिठाकर सुनसान जंगल में ले गए. आरोपियों ने उनसे 27000 रुपये लूट लिए और 13000 रुपये पेटीएम के जरिए अपने बैंक खाते में डलवा लिए. पुलिस ने मामला दर्ज कर उसकी जांच शुरू की. लूट में 3 पुलिसकर्मियों की भूमिका सामने आने पर उन्हें तत्काल निलंबित कर दिया गया. एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया. आरोप है कि जब पीड़ित शख्स इंसाफ के लिए थाने पहुंचा तो चौथे पुलिसकर्मी ने उस पर समझौते के लिए दवाब बनाया. इस पर पीड़ित ने मामले की शिकायत पुलिस अधिकारियों से की.

सभी पुलिसकर्मी अलग-अलग थानों में थे तैनात
मामले में सख्त एक्शन लेते हुए पूरी जांच कर चारों पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है. हैरान करने वाली बात यह थी कि लूट की वारदात को अंजाम देने वाले पुलिसकर्मी अलवर शहर के तीन अलग-अलग NEB, शिवाजी पार्क और सदर थाने में तैनात थे. तीनों पुलिसकर्मी लूट की घटना के बाद 30 जुलाई से ही ड्यूटी पर नहीं आ रहे थे. इस मामले में उनका साथ देने वाला चौथा पुलिसकर्मी रामजीत गुर्जर घटना के वक्त गोविंदगढ़ थाने में तैनात था. मिलीभगत मिलने पर उसका तबादला सदर थाने में हो गया था.

Related Articles

Back to top button