धान कटाई के बीच बंद होंगी 300 मंडियां, राज्य सरकार के विरोध में उतरे किसान

चंडीगढ़. पंजाब (Punjab) में फसल कटाई का दौर जारी है. इसी बीच राज्य सरकार ने 10 नवंबर तक करीब 300 मंडियों या खरीदी केंद्रों को बंद करने का फैसला किया है. सरकार का कहना है कि इन मंडियों में आवक कम होने के चलते यह फैसला लिया गया है. जबकि, किसान इस कदम का विरोध कर रहे हैं. हाल ही में राज्य सरकार ने इस मौसम में धान (गैर-बासमती) की अनुमानित आवक की 80 फीसदी की खरीदी की है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, यह पहली बार है जब राज्य सरकार ने कटाई का समय खत्म होने से पहले ही इस तरह के आदेश जारी किए हैं. किसान और आढ़तियों ने इस आदेश को किसान विरोधी बताया है. किसानों का कहना है कि सरकार के इस फैसले के बाद मंडी बंद होने के डर से किसान कच्चा धान मंडियों में लेकर पहुंचेंगे और कच्चे धान पर पूरा न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिलने के कारण बड़ा नुकसान होगा.

किसानों ने सरकार से धान खरीदी का सीजन पूरा होने तक सभी मंडियों या खरीदी केंद्रों को खुले रखने की मांग की है. रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब मंडी बोर्ड के अनुसार, 5 नवंबर तक सरकारी एजेंसियों ने 149.92 लाख टन की धान खरीद ली है. जबकि, अनुमानित आवक 190 लाख टन है. बीते साल 203 लाख टन की खरीदी की गई थी. हालांकि, केंद्र सरकार ने राज्य से कह दिया है कि वे इस बार केवल 170 लाख टन ही खरीदेंगे. माझा क्षेत्र में कटाई का दौर खत्म होने वाला है, लेकिन मालवा और दोआबा क्षेत्रों में कटाई जारी है. ऐसे में पंजाब की मंडियों में धान की आवक अगले कुछ सप्ताह तक जारी रहेगी.

रिपोर्ट के अनुसार, फिलहाल राज्य की मंडियों में हर रोज 6 से 7 टन धान आ रही है. पंजाब सरकार ने इस साल 2722 मंडियों को अधिसूचित किया था. इनमें 849 अस्थाई यार्ड और चावल की मिल शामिल हैं. हाल ही में जारी आदेश में पंजाब मंडी बोर्ड ने 5 से 10 नवंबर के बीच 296 मंडिया बंद करने के लिए कहा है.

रिपोर्ट में पीएमबी सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि इन जिलों की सभी नहीं, बल्कि उन्हीं मंडियों को बंद किया जाएगा, जहां आवक कम है. पंजाब आढ़तिया एसोसिएशन के रविंद्र सिंह चीमा ने कहा है कि पंजाब सरकार के आदेश में राज्य के 23 जिलों में से 7 में ये मंडियां बंद की जाएंगी. इनमें अमृतसर, गुरदासपुर, तारन तरन, कपूरथला, फतेहगढ़ साहिब, मोहाली और फजिल्का का नाम शामिल है. उन्होंने सरकार को धमकी दी है कि अगर फैसला वापस नहीं लिया गया, तो सभी मंडियों पर काम बंद हो जाएगा.

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