अयोध्या के श्रीराम अस्पताल में मिले कोरोना के 3 मरीज, ये वजह आई सामने

इलाज में कोई सोशल डिस्टेंस और कोविड गाइडलान का पालन नहीं हुआ

अयोध्या. धर्म नगरी अयोध्या में श्रीराम अस्पताल (Shri Ram Hospital) की बड़ी लापरवाही सामने आई है। कोविड के अचानक 3 मरीज मिलने के बावजूद हॉस्पिटल प्रशासन ने यहां कोई भी सावधानी नहीं बरती। हॉस्पिटल प्रशासन ने ही यहां कोरोना गाइडलाइन आ मखौल उड़ा दिया. इससे अस्पताल में भर्ती और उनके तीमारदारों पर कोरोना संक्रमण के खतरे का साया मंडरा गया. इलाज कराने आये तीन मरीजों की एंटीजन रिपोर्ट पॉजिटव आने के बाद भी उनके इलाज में कोई सोशल डिस्टेंस और कोविड गाइडलान का पालन नहीं हुआ।

जहां पूरे देश में कोरोना की तीसरी लहर तेजी के साथ बढ़ रही है वही अयोध्या धाम भी इससे अछूता नहीं है. राम नगरी के एकमात्र अस्पताल श्री राम अस्पताल में इलाज कराने आए तीन लोगों की जांच की गई तो उनकी एंटीजन रिपोर्ट पॉजिटिव आई, जिसके बाद भी अस्पताल प्रशासन लापरवाह बना रहा. खबर मीडिया की सुर्खियों में आई तो प्रशासन ने दिखावे के तौर पर चाक चौबंद व्यवस्थाओं का दावा जरूर किया लेकिन यहां लापरवाही साफ दिखाई दी है. अस्पताल में कोविड-19 हेल्प डेस्क के नाम से काउंटर तो बना है लेकिन उस पर कोई मौजूद नहीं है।

प्रशासनिक अधिकारियों का दावा है कि अस्पताल के गेट पर थर्मल स्कैन किया जा रहा है. लोगों का मास्क चेक किया जा रहा है, जबकि गेट खुला हुआ है. वहां पर कोई भी तैनात नहीं है. लोग लापरवाही से अस्पताल में आते जा रहे हैं। इससे सरकार के दावों की पोल खुल रही है. पिछले दिनों अयोध्या के दौरे पर आए मुख्यमंत्री ने मंच से लोगों से अपील की थी कि लोग कोरोनावायरस सतर्क रहें. मास्क का प्रयोग करें. इतना ही नहीं उन्होंने सांसद के ऊपर कटाक्ष करते हुए कहा था कि दोनों डोज अगर आपने वैक्सीन की ले ली है बावजूद उसके भी आप सतर्क रहें. मास्क का प्रयोग करें।

rt-pcr की रिपोर्ट मेडिकल कॉलेज भेजी

श्री राम अस्पताल में तैनात प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि तीन लोग एंटीजन रिपोर्ट में पॉजिटिव आई है, जिसके बाद उनकी rt-pcr की रिपोर्ट मेडिकल कॉलेज भेजी गई है। संपूर्ण अस्पताल को सेनीटाइज किया जा रहा है. श्री राम अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारी यश प्रकाश सिंह ने कहा कि सीएमएस के आदेश के बाद अस्पताल में प्रवेश करने वाले हर व्यक्ति का थर्मल स्कैन किया जा रहा है. अगर उसका टेंपरेचर ज्यादा है तो फिर अस्पताल के कोरोना प्रभारी डॉक्टर के द्वारा उसका इलाज किया जा रहा है. किसी को भी बिना मास्क के अस्पताल में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है।

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