ब्रिटैन में 150 भारतियों के साथ हुआ भेदभाव

ब्रिटेन के लेस्टर की Du Montfort University में एमटेक कर रहे सभी 150 भारतीय विद्यार्थियों को एक पत्र में फेल कर दिया गया। कोर्स में भाग लेने वाले कुल 200 विद्यार्थियों में से सभी पच्चीस श्वेत हैं। विद्यार्थियों का आरोप है कि भारतीय विद्यार्थियों के साथ पाठ्यक्रम में दोहरा व्यवहार अपनाया गया है। इस पेपर को फेल करने वाले विद्यार्थी इसे दोबारा नहीं दे पाएंगे।

इन विद्यार्थियों को परीक्षा में फेल होने का खतरा है। ये सभी विद्यार्थी भारत से बीटेक की पढ़ाई पूरी करने के बाद ब्रिटेन आए थे। एमटेक के विद्यार्थी सुरेश कार्तिक ने दैनिक भास्कर को बताया कि विश्वविद्यालय ने अपने विज्ञापन में इस पत्र को वैकल्पिक बताया था। जब विद्यार्थी यहां पढ़ने लगे, तो उनसे अनिवार्य पेपर के बारे में बताया गया। ब्रिटेन के कॉम्पिटीशन एंड मार्केट अथॉरिटी (CMA) से कुछ विद्यार्थियों ने इसकी शिकायत की। CMAA ने भी मॉन्टफोर्ट यूनिवर्सिटी का निर्णय गलत ठहराया। लेकिन विश्वविद्यालय ने पत्र नहीं लिया। इस लेख को पूरे सत्र के दौरान पढ़ाने के लिए प्रोफेसर भी नियुक्त नहीं किए गए।

भारतीय विद्यार्थी अब तक फीस के 15 करोड़ रुपए जमा कर चुके हैं

भारतीय छात्रों ने मॉन्टफोर्ट यूनिवर्सिटी को एमटेक के लिए 15 करोड़ रुपये दे दिए हैं। लेस्टर से सांसद रहे भारतवंशी कीथ वाज ने भास्कर को बताया कि उन्होंने मॉन्टफोर्ट विश्वविद्यालय प्रशासन से इस बारे में चर्चा की है। वाज कहते हैं कि भारतीयों की संख्या ब्रिटेन में हर साल पढ़ने आने वाली सबसे अधिक है। लेकिन यहां की कुछ यूनिवर्सिटीज हर साल भारतीय विद्यार्थियों से भेदभाव करती हैं। यहाँ भी छात्रों को पेपर के बारे में गलत जानकारी दी गई।

आरोपः कॉपी को जांचने वाले अंग्रेजों ने भारतीय छातों पर क्रोध व्यक्त किया

नाम नहीं छापने के नियम एक भारतीय छात्रा ने कहा कि विद्यार्थियों ने सीएमए को पेपर की शिकायत की थी। CMAA ने विश्वविद्यालय की कार्रवाई को गलत बताया था। मॉन्टफोट विश्वविद्यालय ने भारतीय विद्यार्थियों को कुछ भी नहीं सिखाया। उनका दावा है कि सभी जांचकर्ता अंग्रेज थे। कॉपी जांचने वाले प्रोफेसम ने बाकी पच्चीस श्वेत विद्यार्थियों को पास कर दिया। परीक्षा की रिपोर्ट तीन महीने में मिलेगी, लेकिन दाखिले अगले महीने होंगे।

विद्यार्थी बता रहें हैं कि जांच रिपोर्ट तीन से चार महीने में आ जाएगी। जबकि विद्यार्थियों को अगले महीने के अंत तक अगली क्लास में जाना होगा। हर छात्र अपने भविष्य को लेकर अनिश्चित है।

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