प्रियंका गांधी और योगी सरकार में तनातनी, प्रियंका गांधी की 1000 बसें 5:00 बजे तक पहुंचेगी नोएडा, गाजियाबाद

 

कोरोना वायरस के मद्देनजर हुए लॉक डाउन से प्रवासी मजदूरों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। वही इन मजदूरों को लेकर अब राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी दावा कर रही हैं कि वह हजार बसें नोएडा गाजियाबाद के बॉर्डर पर भेज रही हैं। जिसके लिए उन्हें सरकार की अनुमति चाहिए। वही कल रात योगी सरकार ने प्रियंका गांधी को एक पत्र लिखकर सभी बसें लखनऊ में भेजने के लिए कहा। जिसका जवाब देते हुए प्रियंका गांधी के सचिव ने इस बात पर आपत्ति जताई और योगी सरकार को पत्र में बहुत कुछ कह दिया। हालांकि इसके बाद सरकार की तरफ से एक और पत्र जारी किया गया जिसमें उन्होंने आज 12:00 बजे तक सभी बसें नोएडा और गाजियाबाद के बॉर्डर पर पहुंचाने के लिए कहा।

वहीं प्रियंका गांधी की ओर से मंगलवार को एक बार फिर से आगरा के बॉर्डर पर बसें लगनी शुरू हो गई हैं। प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह ने मंगलवार को सवा 12 बजे यूपी अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी को पत्र लिखकर कहा कि ज्यादा बसें होने के चलते उनकी परमिट लेने में कुछ समय लग रहा है, लेकिन शाम पांच बजे तक सभी बसें यूपी बॉर्डर पर पहुंच जाएंगी।

इस पत्र में कहा गया है कि आपका पत्र हमें मंगलवार 11.5 बजे मिला है। इस संदर्भ में बताना चाहता हूं कि हमारी कुछ बसें राजस्थान से आ रही हैं और कुछ बसें दिल्ली से आ रही हैं। इनके लिए दोबारा से परमिट दिलवाने की कार्यवाही जारी है। बसों की संख्या अधिक होने के नाते इस में कुछ घंटे लगेंगे। ये सारी बसें शाम पांच बजे तक गाजियाबाद और नोएडा बॉर्डर पर पहुंच जाएंगीम शाम पांच बजे तक यात्रियों की लिस्ट और रूट मैप तैयार रखेंगे ताकि इनके संचालन में हमें कोई आपत्ती न आए।

हालांकि प्रियंका गांधी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच तनातनी चल रही है। प्रियंका गांधी सरकार पर कुछ आरोप लगाती है तो सरकार भी प्रियंका गांधी पर आरोप लगा रही है। प्रियंका गांधी ने प्रवासी श्रमिकों के लिए 1000 बसें भेजने के लिए प्रदेश सरकार से अनुमति मांगी थी लेकिन उनका आरोप है कि यूपी सरकार उन्हें बसें चलाने की अनुमति नहीं दे रही है। वहीं सीएम योगी के सलाहकार का आरोप है कि कांग्रेस से बसों की डीटेल मांगी गई जिसमें बाइक-कार और ऑटो के नंबर थे। जिसके बाद माहौल गर्म हो चुका है।

लगातार मजदूरों को लेकर उत्तर प्रदेश में राजनीति चरम पर है। जहां कांग्रेस दावे कर रही है हजार बसें देने की तो वही योगी सरकार कह रही है कि जो डिटेल भेजी गई हैं उसमें बाइक कार और ऑटो के नंबर भी हैं।

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