विपक्ष की रणनीति में बहुत खामियां: लोक सभा चुनाव 2024

दिल्ली: अगला लोकसभा चुनाव यानि 2024 में अभी समय है लेकिन पूरे देश में अभी से चुनाव का माहौल बन गया है। पक्ष और विपक्ष दोनों तरफ से तैयारियां शुरू हो गई है। ।

लेकिन पिछले कई दिनों से जदयू के नेता जिस तरह के बयान दे रहे हैं और जिस रणनीति पर काम करते दिख रहे हैं उसमें खामियां हैं। अगर यहीं रणनीति रही तो विपक्षी पार्टियां नरेंद्र मोदी को नहीं हरा पाएंगी, उलटे उनकी स्थिति मजबूत कर देंगी। विपक्ष की सबसे बड़ी रणनीतिक खामी यह है कि केंद्र सरकार का विरोध करने या सत्तारूढ़ भाजपा का विरोध करने की बजाय वे मोदी का विरोध कर रहे हैं। सिर्फ मोदी को हराने की बात हो रही है।

अगर विपक्ष खुद चुनाव को मोदी के चेहरे पर ले जाएगा तो इसका फायदा उनको मिल जाएगा। दूसरे बिहार में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि एक बार सीटें 272 से कम हो गईं तो देखिए क्या होगा। यह भी खबर आई कि नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी की बैठक में कहा कि 25 सीटें भी कम हो गईं तो भाजपा बहुमत गंवा देगी। इससे यह मैसेज जा रहा है कि विपक्षी पार्टियां देश की राजनीतिक स्थिरता खत्म करने का प्रयास कर रही हैं।

उनका मकसद मजबूत सरकार बनाने की बजाय नरेंद्र मोदी को कमजोर करना है। उनकी दुश्मनी नरेंद्र मोदी से है। यह मैसेज मोदी समर्थकों को एकजुट कर देगा। इसलिए विपक्ष को अपना अभियान मुद्दों पर केंद्रित करना चाहिए और निजी हमले से बचना चाहिए।
मुझे लगता है कि शिमला की बैठक में अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव शामिल नहीं होंगे और इसके लिए कॉंग्रेस के अजय माकन और अधीर रंजन के ब्यान काफी हें ।
अगले लोकसभा चुनाव में अभी समय है लेकिन पूरे देश में अभी से चुनाव का माहौल बन गया है। पक्ष और विपक्ष दोनों तरफ से तैयारियां शुरू हो गई है। । लेकिन पिछले कई दिनों से जदयू के नेता जिस तरह के बयान दे रहे हैं और जिस रणनीति पर काम करते दिख रहे हैं उसमें खामियां हैं। अगर यहीं रणनीति रही तो विपक्षी पार्टियां नरेंद्र मोदी को नहीं हरा पाएंगी, उलटे उनकी स्थिति मजबूत कर देंगी। विपक्ष की सबसे बड़ी रणनीतिक खामी यह है कि केंद्र सरकार का विरोध करने या सत्तारूढ़ भाजपा का विरोध करने की बजाय वे मोदी का विरोध कर रहे हैं। सिर्फ मोदी को हराने की बात हो रही है।

अगर विपक्ष खुद चुनाव को मोदी के चेहरे पर ले जाएगा तो इसका फायदा उनको मिल जाएगा। दूसरे बिहार में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि एक बार सीटें 272 से कम हो गईं तो देखिए क्या होगा। यह भी खबर आई कि नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी की बैठक में कहा कि 25 सीटें भी कम हो गईं तो भाजपा बहुमत गंवा देगी। इससे यह मैसेज जा रहा है कि विपक्षी पार्टियां देश की राजनीतिक स्थिरता खत्म करने का प्रयास कर रही हैं। उनका मकसद मजबूत सरकार बनाने की बजाय नरेंद्र मोदी को कमजोर करना है। उनकी दुश्मनी नरेंद्र मोदी से है। यह मैसेज मोदी समर्थकों को एकजुट कर देगा। इसलिए विपक्ष को अपना अभियान मुद्दों पर केंद्रित करना चाहिए और निजी हमले से बचना चाहिए।

मुझे लगता है कि शिमला की बैठक में अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव शामिल नहीं होंगे और इसके लिए कॉंग्रेस के अजय माकन और अधीर रंजन के ब्यान काफी हें ।

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