जानिए क्यों भाजपा और सपा के लिए जरुरी हैं पूर्वांचल जिला, विजय रथ लेकर अखिलेश यादव पहुंचे जौनपुर

अखिलेश यादव ने जौनपुर में की विजय रथ यात्रा, जन सैलाब देख हो जाएंगे हैरान

लखनऊ: चुनाव से पहले यूपी की दो सबसे बड़ी पार्टियां रैली के जरिए देशवासियों को घेरने की कोशिश कर रही हैं. वह लगातार जनता से संपर्क करने में जुटी हैं. 2 पहले देश के प्रधानमंत्री पीएम मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचाकर काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के मेगा इन्वेंट के जरिए पूर्वांचल साधने की कोशिश की है. जिसके बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी समाजवादी पार्टी (सपा) उससे महज 65 किलोमीटर की दूरी पर स्थित जौनपुर में आज और कल शक्ति प्रदर्शन करेगा.

बता दें समाजवादी पार्टी के विजय रथ यात्रा का छठवां चरण आज से शुरू हो रहा है. अखिलेश यादव आज विजय रथ लेकर जौनपुर पहुंचे हैं. जहां उन्हें देखते ही भीड़ उमड़ पड़ी. वहीँ उन्होंने जौनपुर के सघन क्षेत्रों का दौरा किया. इसके अलावा जौनपुर जिले के 6 स्थानों पर जनसभा को भी संबोधित किया हैं. अखिलेश यादव आज जौनपुर में ही रात्रि विश्राम भी करेंगे.

जानिए क्यों इतना जरुरी हैं नेताओं के लिए जौनपुर?

वाराणसी से सटे जिले जौनपुर में विधानसभा की 9 सीटें आती हैं, जबकि वाराणसी में विधानसभा की 8 सीटें हैं. 2017 के चुनाव में जौनपुर की 9 में से 5 सीटों (बदलापुर, जौनपुर सदर, जाफराबाद, केराकत और मढ़ियाहू) पर भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टी अपना दल (एस) जीती थी, जबकि सपा के खाते में सिर्फ 3 सीटें ही आई थीं.

वहीँ शाहगंज, मल्हानी और मछलीशहर पर सपा के प्रत्याशी जीतने में कामयाब हुए थे, जबकि तीन सीटों (मढ़ियाहू, जाफराबाद और केराकत) में सपा दूसरे नंबर पर थी. इसके अलावा मुंगरा बादशाहपुर सीट से बसपा की सीमा पटेल जीती थीं, जो हाल में ही सपा में शामिल हो गई हैं. 2012 के चुनाव में जौनपुर की 7 सीटों पर सपा ने अपनी जीत दर्ज की थी.

ऐसे में अखिलेश यादव पूरी कोशी कर रहे हैं वह अपने पुराने गढ़ की सीटों को बचा सकें. यही वजह है कि अखिलेश यादव दो दिन तक जौनपुर की अलग-अलग विधानसभा सीटों पर प्रचार करेंगे और सपा के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश पूरी कोशिश करेंगे. वहीँ अगर पूरे जौनपुर की बात करें तो यहां अच्छी संख्या में ब्राह्मण, क्षत्रिय, मुस्लिम, यादव और अनुसूचित जाति के वोटर हैं.

जौनपुर के जरिए गाजीपुर, मऊ और बलिया को भी लेंगे आड़े हाथ

सपा प्रमुख की कोशिश जौनपुर के जरिए उसके पड़ोसी जिलों जैसे- गाजीपुर, बलिया, मऊ को भी साधने की हैं. वहीँ मऊ में 4 सीटें, बलिया में 7 सीटें और गाजीपुर में 7 सीटें आती है. 2017 के चुनाव बीजेपी ने ओम प्रकाश राजभर की पार्टी के साथ मिलकर गाजीपुर की 5 सीटें जीती थी. अब राजभर ने सपा का दामन थाम लिया है.

इसके साथ साल 2017 के चुनाव में बीजेपी ने बलिया की पांच सीटें और मऊ की तीन सीटों पर जीत दर्ज की थी. यानी इन तीन जिलों की 18 सीटों में से 13 सीटों पर भाजपा जीती थी, जबकि सपा सिर्फ तीन सीटें जीत पाई थी. ऐसे में अखिलेश यादव की कोशिश भाजपा को इस गढ़ से आउट करना हैं.

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