UP: पुजारियों ने गिराया पर्दा, प्रसाद भी नहीं दिया.. यूपी के ऊर्जा मंत्री की वृंदावन में घोर बेइज्ज़ती, महिलाओं ने खदेड़ा !

वृंदावन के प्रसिद्ध श्रीबांके बिहारी मंदिर में शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा को भारी विरोध का सामना करना पड़ा। मंदिर कॉरिडोर निर्माण और न्यास गठन को लेकर नाराज गोस्वामी परिवार और महिलाओं ने ‘वापस जाओ’ के नारे लगाए और मंत्री का घेराव किया। हालात ऐसे बने कि मंत्री को बिना विधिवत दर्शन किए मंदिर छोड़ना पड़ा।

महिलाओं ने बांधी काली पट्टी, लगाए नारे

मंदिर में मौजूद स्थानीय महिलाओं ने काली पट्टी बांधकर भगवान के दर्शन किए और मंत्री के खिलाफ नारेबाजी की। महिलाएं “वापस जाओ” के नारे लगाते हुए पूरे समय विरोध में डटी रहीं। विरोध का प्रमुख कारण बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर और सरकार द्वारा प्रस्तावित न्यास का गठन है, जिसे स्थानीय समुदाय अपनी धार्मिक परंपराओं में हस्तक्षेप मानता है।

सेवायतों ने मंदिर का पर्दा गिराया, नहीं दिया प्रसाद

सेवायतों (पुजारियों) ने भी विरोध दर्ज कराते हुए भगवान के सामने का पर्दा गिरा दिया, जिससे मंत्री सिर्फ कुछ सेकंड के लिए ही दर्शन कर सके। उन्हें परंपरागत रूप से मिलने वाला पटका या प्रसाद तक नहीं दिया गया। यह विरोध एक प्रतीकात्मक संदेश था कि मंदिर समुदाय सरकार के किसी भी ऐसे फैसले को स्वीकार नहीं करेगा जो उनकी आस्था और परंपरा से टकराए।

गेट नंबर 4 से चुपचाप निकाले गए मंत्री शर्मा

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सुरक्षा अधिकारियों ने मंत्री को मुख्य द्वार से बाहर निकालने के बजाय गेट नंबर 4 से मंदिर परिसर से बाहर किया। यह कदम माहौल को और अधिक बिगड़ने से रोकने के लिए उठाया गया। इसके बाद मंत्री जुगल गोस्वामी की गद्दी पर पहुंचे, जहां फिर से नाराज महिलाएं पहुंचकर नारेबाजी करने लगीं।

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चार महिलाओं से की मुलाकात, कहा— “जनभावनाओं का सम्मान होगा”

बढ़ते विरोध के बीच मंत्री शर्मा ने चार महिलाओं को निजी तौर पर बुलाकर संवाद किया। महिलाओं ने स्पष्ट कहा कि मंदिर कॉरिडोर से वृंदावन की पारंपरिक धार्मिक संस्कृति को खतरा है। इस पर मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि जनता की भावनाओं का पूरा सम्मान किया जाएगा और कोई भी निर्णय उनकी सहमति के बिना नहीं लिया जाएगा।

पुलिस पर दुर्व्यवहार के आरोप, सीओ से झड़प

प्रदर्शन के दौरान पुलिस और महिलाओं के बीच भी तनातनी देखी गई। सीओ सदर संदीप सिंह पर महिलाओं से काली पट्टी छीने जाने का आरोप लगा, जिसको लेकर एक गोस्वामी और सीओ के बीच तीखी बहस हुई। यह घटनाक्रम मंदिर परिसर में तनावपूर्ण माहौल का संकेत देता है।

मंदिर की आस्था पर राजनीति भारी

श्रीबांके बिहारी मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। ऐसे में सरकार द्वारा कॉरिडोर निर्माण और न्यास गठन जैसे मुद्दों पर स्थानीय समुदाय की राय और परंपराओं को नजरअंदाज करना, विवाद और विरोध को जन्म दे रहा है। शुक्रवार का विरोध स्पष्ट संकेत है कि बिना जनसमर्थन के कोई भी योजना स्वीकार नहीं की जाएगी।

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